कोरोना का समय देश और दुनिया के लिए असाधारण रहा- योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह सर्वविदित है कि करोना का समय देश और दुनिया के लिए असाधारण रहा। कोरोना से हर कोई प्रभावित रहा। हमारा राजस्व भी। बावजूद हमने बेहतर वित्तीय प्रबंधन किया। वित्तीय अनुशासन को बनाते हुए लोक कल्याण के कार्यों को जारी रखा। इन्हीं असाधारण परिस्थितियों में पेश सर्वसमावेशी और हर तबके के कल्याण को ध्यान में रखकर बजट पेश किया। यह बजट भी खुद में असाधारण रहा। यह मैं और सत्ता पक्ष नहीं, लोग और विशेषज्ञ कह रहे हैं। हर तबके ने बजट को सराहा है। फिक्की जैसे औद्योगिक संगठनों ने भी प्रशंसा की। पूर्व मुख्य सचिव ने भी बजट की तारीफ की है तो चेयरमैन सीआईआई ने कहा कि यह प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने वाला बजट है। एसोचैम के प्रेसिडेंट ने कहा कि जो कुछ बेहतर हो सकता था सरकार ने किया है। यह सर्वोत्तम बजट है। फिक्की की पूर्व अध्यक्ष (महिला चैप्टर) ने महिला बाल विकास की योजनाओं को मील का पत्थर बताया।
उन्होने कहा कि बजट पर प्रतिक्रिया देने वाले यह सभी लोग गैर-राजनीतिक हैं। इनके आकलन को यूहीं दरकिनार नहीं किया जा सकता। सीएम ने पेपरलेस बजट पेश कर नया इतिहास रचने के लिए वित्त मंत्री और उनकी पूरी टीम को बधाई भी दी, साथ ही कहा कि बजट में हर घर को नल, हर घर में बिजली, हर खेत को पानी और हर हाथ को काम देने के संकल्प निहित है। यही नहीं, यह बजट हर गांव में ग्राम सचिवालय, कॉमन सर्विस सेंटर, बीसी सखी के माध्यम से सुदूर क्षेत्रों को बैंकिंग सुविधा से जोड़ना, सामुदायिक शौचालयों में महिलाओं को रोजगार, जैसे प्रयास न केवल महिला सशक्तिकरण और स्वावलंबन को नवीन आयाम मिलेगा बल्कि हर गांव को डिजिटल बनाने की दिशा में अहम भूमिका भी निभाएंगे।
अभ्युदय योजना का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि अब इस योजना में युवाओं को टैबलेट दिए जाएंगे। इस योजना की मांग अन्य राज्यों में खूब हो रही है।
कोरोनाकाल में धैर्य के साथ लोककल्याण के पथ पर बढ़ते रहे: कोरोनाकाल की चुनौतियों का जिक्र करते हुए सीएम ने राष्ट्रकवि दिनकर की पंक्तियां भी पढ़ीं। ‘सच है विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है। सूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते’ को पढ़ते हुए कहा कि कोविड काल में प्रदेश ने यह धैर्य और साहस बनाये रखा। दूसरे प्रदेशों से घर वापसी करने वाले हर प्रवासी श्रमिक को स्थानीय स्तर पर ही उसकी दक्षता के अनुसार रोजी-रोजगार मुहैया कराया।